Hello दोस्तों, आज मैं आपके लिए दो छोटी-छोटी गणेश चतुर्थी स्पेशल स्टोरी लेके आया हूँ, उम्मीद करता हूँ आपको अच्छा लगेगा। तो बिना देरी के चलिए शुरू करते हैं –
विषय - सूची
2 गणेश चतुर्थी स्पेशल मोटिवेशनल स्टोरी
पहली कहानी – भोलेपन
एक बार एक छोटा सा बच्चा जो गणेश जी का भक्त था, एक समाधि पर पहुंचा और अपना बैग जोड़ से नीचे जमीन पर पटकते हुए उसने कहा, “पापा चलो मेरे साथ, हमें स्कूल जाना होगा, मेरे टीचर ने कह दिया है कि स्कूल की fees लेकर आओ या फिर अपने पिताजी को लेकर आओ, तो स्कूल के fees के पैसे तो है नहीं, तो आपको ही चलना होगा !”
समाधि के पास दूसरी जो समाधि थी उसके पास बैठा हुआ आदमी जो फ़ोन पे हज़ारों फूलों की चादर उसका order दे रहा था, उसने order cancel कर दिया और उसने कहा की मुझे ये हज़ारों फूलों की चादर नहीं चाहिए, मुझे फूल यही मिल गयी।
फ़ोन रख दिया और हज़ारों फूलों की चादर के जो पैसे थे, उसे उस बच्चे के हाथ में दे दिया।
और कहा कि बेटा ये पैसे ना तुम्हारी पिताजी ने भेजे हैं, अपनी टीचर को दे देना।
दोस्तों आपको इस कहानी से क्या सीखने को मिला ?
भोले मन का व्यक्ति सबसे ज्यादा शक्तिशाली होता हैं।
उसका भोला मन नजाने क्या क्या चमत्कार कर बैठता है।
दूसरी कहानी – गणेश जी की छोटी सी भक्त
एक छोटी सी 5 साल की बच्ची जो रोजाना मंदिर जाया करती और गणेश जी आगे वो झुक के नमन-बन्दन करती और उसके बाद कुछ बोलती और वहां से चली जाती, मंदिर के बाहर।
पुजारी जो रोज उसे देखा करते हैं, उनसे रहा नहीं गया, एक हफ्ते तक उसे देखने के बाद उनका मन कर बैठा, वो उस लड़की की इंतजार में वही मंदिर के बाहर खड़े रहे।
जैसे ही वो लड़की आयी, उसके पीछे पीछे जाके देखने लगी।
उसने वही किया, उस छोटी सी बच्ची ने उस दिन भी गणेश जी के आगे बन्दन किया, नमन किया, फिर कुछ कहा और फिर मंदिर के बाहर जाने लगी।
इतने में पुजारी जी ने उसके सर पर हाथ रखा और कहाँ कि बेटी तुम्हें कोई मंत्र या पूजा आते हैं ?
बच्चे ने कहा नहीं।
तो पुजारी जी ने पूछा तो फिर तुमने क्या कहा गणेश जी से?
तो उस छोटी सी बच्ची ने कहा कि मैं क, ख, ग जानती हूँ, तो 5 बार गणेश जी सामने बोल दिया और मैंने फिर गणेश जी कहा कि आपके जो भी पूजा होगी वो क, ख, ग के अंदर ही आती होगी, तो आप अपनी हिसाब से उस पूजा को समझ लीजिये और मेरी ओर से रख लीजिये।
Conclusion
दोस्तों कितना भी प्रखर पंडित क्यूँ ना हो, कोई कितना भी बड़ा विद्वान् क्यूँ ना हो, कितनी भी बड़ी मंत्र उसको क्यूँ ना आते हो, क्या हमारी पूजा प्रार्थना में इतना ज्यादा कन्विक्शन, इतने गहरे भाव, इतना विश्वास होता है ?
क्या आपको याद है कि वो आखिरी बार कब था जब हमने प्रभु के आगे अपने मन के भाव रखें हो।
कहते हैं ना कि ईश्वर हमारी परेशानीयां जनता है, उसके आगे अपनी परेशानियों को नहीं, उसके नाम को दोहराएं।
आपको और अपने सभी फॅमिली मेंबर को गणेश चतुर्थी की ढेर सारी बधाइयाँ !
जोड़ से बोलो “गणपति बप्पा मोरिया”
दोस्तों आपको आज हमारा यह छोटी सी गणेश चतुर्थी स्पेशल कहानी कैसी लगी ?
आज आपने क्या सीखा ?
अगर आपके मन कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.
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