What is 50-20-30 Rule in Hindi – Personal Finance Tips – Hello दोस्तों, दोस्तों अमीर कौन नहीं बनना चाहता ? लेकिन अमीर बनने के लिए सबसे important बात क्या होनी चाहिए आपके पास ?
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Personal Financial Tips For Beginners – 50-30-20 Rule of Money in Hindi
बहुत सारी लोग एसा सोचते हे कि Business करने से ही अमीर बना जा सकता है, एक salary या regular income से अमीर कभी नहीं बना जा सकता।
ऐसा बिलकुल नहीं है, आप statistics उठा के देखिये, in fact आप अपने आस-पास देखेंगे तो बहुत सारे करोड़पति आपको salaried class मिलेंगे। लेकिन वो अमीर क्यों बने हैं।
Let say, २० साल या २५ साल लगे उनको अमीर बनने में, लेकिन क्यों बने है ? क्योंकि उनका एक Financial Discipline था, उनकी एक आदत थी save करने की, regularly investment करने की, research करने की, सही जगह पे पैसा लगाने की।
लेकिन जब हमने अपना carrier शुरू करते हैं तो हम सोचते है यार बहुत सारे personal finance experts है, ये केहते है – अपनी आधी salary savings और investments में लगाओ।
अब अगर आपकी salary 15000-20000 है उसमें आपके खरसे पुरे नहीं होते तो आप savings या invest केसे करेंगे ? ये बात बिलकुल सही है क्योंकि आज के time पे चीज़ों की महंगाई कितनी बढ़ गयी है, तो 15-20 हज़ार रूपए तो कुछ भी नहीं है।
हमारे जैसे, आपके जैसे youngsters की एकदम सही बात है क्योंकि basic necessities को तो हर किसी को पुरी करनी ही है, तो एसे में हमारे जैसे youngsters start ही नहीं करते है savings और investments की habits.
अब वो habits start होने में ही इतना late हो जाता है कि जो उन्हें compounding effect मिलना था वो मिल ही नहीं पाता। Investment में जब आप early शुरूवात करते है, जल्दी शुरूवात करते है तो आपका पैसा हर साल multiply होता चला जाता है, इसी वजह से अमीर – अमीर होता।
अगर आप 21-22 साल उम्र में थोड़ी थोड़ी saving करना शुरू कर देते है, invest करना शुरू कर देते है तो आप definitely करोड़पति बन सकते है, जो बंदा आपसे दस साल बाद शुरू करेगा,
हो सकता है आप उससे 10 साल पेहले ही retire हो जाए क्योंकि आपके पास इतना sufficient corpus इकट्ठा हो जायेगा, की आपका जो investment का amount है वो आपको interest इतना दे देगा की वो सायद आपकी income के बराबर हो जाए आज से 25-30 साल बाद।
तो इसलिए आपको एक discipline बनाना जरुरी है, अब youngsters के लिए और experienced लोगों के लिए frame work थोड़ा different होना चाहिए, same rule दोनो के लिए apply नही हो सकता,
तो इसलिए देख लेते है की youngsters के लिए क्या framework applicable है और थोड़े से experienced लोगो को कितना percent save करना चाहिए, कितना percent वो अपना basic necessities में और कितना percent वो अपनी wishes and bonds में खर्श कर सकते है।
अगर आपने अभी अपने career की शुरूवात की है तो आपको क्या follow करना है – एक simple सा rule follow करना है – “50-30-20 Rule Of Money”.
अब इसका मतलब क्या है मैं आपको ये समझा देता हुँ –
NO 1 – NEEDS
आपकी जितनी भी monthly income है , उसके 50% अपनी basic needs पे खर्स कर सकते है, अब basic needs में क्या आता है –
1. Rent/E.M.I. –
आप जीस भी घर में रह रहे है उसका rent आप consider कर सकते है या फिर उसकी E.M.I. , अगर आपने loan लिया है उस घर को ख़रीदने के लिए तो उसकी E.M.I. आप consider कर सकते है। यहाँ पे अगर आपने real state investments अगर नही की है तो उनकी E.M.I. यहाँ consider नही करनी है।
2. Food , 3 – Transportation , 4 – Cloths ये सब आपकी basic needs है,
और इसके साथ में और भी है जैसे –
3. 5 – Electricity bills, 6 – Water bill, 7 – Gas, 8 – Phone and 9 – Internet ये सब भी आज कल basic ही आगया है। में ये नही कह रहा हुँ की इनहि 9 चीज़ों में ही आप खर्श करे इसके अलावा भी आप अपने हिसाब से basics decide कीजिये, की ये तो मेरी minimum requirement है, ये मेरी needs है, 50% पैसा तो अपनी needs पे खर्श करूँगा।
For example – मान लीजिए आपकी monthly 20,000 रूपए income होती है, तो यहाँ पे आप 50% यानी की 10,000 रूपए/month आप यहाँ पे खर्शा कर सकते हैं अपनी basic needs पे।
NO 2 – WANTS
यहाँ wants और needs में फर्क है, wants क्या है ? जो आप चाहते है आपकी wishes है वो आपकी basic necessity नहीं है।
1. 1 – जैसे CAR – car आपकी basic necessity नहीं है ,आप public transport use करके भी आप office जा सकते है, 2 – Vacation.
2. Expensive cloths – यहाँ cloths तो basic necessity में ही आता है, लेकिन expensive cloths अगर खरीदना चाहते है तो आपके wants में आ जायेंगे।
3. Consumer Electronic – आप महंगा phone खरीदना चाहते हे, कोई बुराई नही हे महंगे phone ख़रीदने भी, लेकिन आप अपनी income के हिसाब से उसे control कीजिए या फिर उसके लिए enough पैसे save कर लीजिए, उसके बाद आप खरीदिये,
phone है या थोड़ा महँगा laptop ख़रीदना चाहते हैं, TV ख़रीदना चाहते हैं , महँगा earphone या sound box systems या महंगे watch या ऐसा कुछ। तो ये सारी आपकी wants and wishes में आ जाती है,
इसके अंदर आपके salary के maximum खर्शा कितना करना सिर्फ 30% .
For example – 20,000/month का 30% – 6000/month अपना budget बना सकते है, यानी की आप साल के अंदर 72,000 रूपए खर्श कर सकते है, अब उस 72,000 को कैसे खर्श करना है वो आप decide कीजिए।
NO 3 – SAVINGS AND INVESTMENTS
अब savings और investments हम क्यों करते है –
1. Retirement –
ये बहुत ही neglected area होता है आज कल generally Private jobs, even Government Jobs में भी आज की dates में pension बंद करते जा रही है, तो retirement planning बहुत ही Important होता है,
2. Kids की education,
3. Marriage,
4. Medical Emergency
तो उसके लिए आपको savings करनी starting से ही बहुत जरूरी है, तो मैं इसलिए बोल रहा हुँ, जब आपने start क्या है अपना carrier तो definitely आपकी जो basic needs है वो तो आपको पूरी करनी ही पड़ेंगी और थोड़ा बोहत wants हमारे जैसे young लोगों को थोड़ा सा होता है।
तो आप definitely थोड़ा पैसा यहाँ पे भी खर्श कर सकते है but at list 20% आप savings और investments में जरूर लगाये।
5. F.D. करा सकते है,
6. अपना provident fund का account खोल सकते है,
7. Stocks में invests कर सकते है,
8. Mutual funds,
9. Real-estate में भी invest कर सकते है।
options बोहत सारे है savings और investments करने के लिए। लेकिन आपको एक discipline बनाना जरूरी है,
for example – तो 20,000 / month income में से आपको 4000/month savings और investments में जरूर दाल देने चाहिए।
ये तो बात हो गयी अभी अभी carrier का शुरुवात करने वाले youngsters की। लेकिन experienced के साथ आपकी income भी बढ़ती जाती है जब आपका 8-10 साल का experience हो जाएगा तो obviously आपका income 20,000/month तो रहेगी नही,
तो यहाँ पे मैं example ले लेता हुँ – 40,000/month income हो गयी है। आपको क्या करना चाहिए, अब आपकी जैसे जैसे income बढ़ती है आपको savings and investments का proportion थोड़ा सा बढ़ाना चाहिए, ये नही कि आप अपनी wants का proportion ज़्यादा बढ़ा दे।
तो आपको क्या करना है –
1. Savings and Investment आपको 20% से बढ़ाकर 40% कर देना चाहिए।
2. WANTS को 30% की जगह सिर्फ 20% ही कर देना चाहिए।
3. NEEDS को 50% से 40% कर देना चाहिए।