Hello दोस्तों, सूर्य देव स्वर्ग के राजसभा के प्रमुख देवों में से एक हैं। सूर्य देव को भगवान् श्री विष्णु के ही एक रूप कहा जाता है। आदित्य यानी सूर्य देव का एक अन्य नाम हैं। आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ श्री राम ने महर्षि अगस्त्य के आज्ञानुसार रावण के साथ युद्ध से पहले किया था ताकि सूर्य देव को प्रसन्न करके उनसे आशीर्वाद लेकर युद्ध में विजयी हो सके। आदित्यहृदय स्तोत्र में सूर्य देव के इन नामों का पाठ किया जाता है “रश्मिमंते, समुद्यन्ते, देवासुरनमस्कृताये, विवस्वते, भास्कराय, भुवनेश्वराय”.
अगर जीवन शक्तिशाली बनना है तो आदित्यहृदय स्तोत्र पाठ करके सूर्य देव को प्रसन्न करना होगा। आदित्यहृदय स्तोत्र का विधिपूर्वक और पूरी श्रद्धा से पाठ करने पर भक्तों को सूर्य देव का आशीर्वाद जल्दी मिलते हैं। इस आदित्यहृदय स्तोत्र का वर्णन महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड में किया गया है। रावण बहुत शक्तिशाली असुर थे उनसे युद्ध करने के लिए भी अथाह शक्ति चाहिए, श्री राम भगवान् श्री विष्णु जी के 7वें अवतार थे, लेकिन श्री राम है तो मनुष्य ही, इसलिए उनको अथाह शक्ति चाहिए होता है और इसी वजह से श्री राम जी ने सूर्य देव को प्रसन्न करके उनसे शक्ति मांगी। हम भी अगर आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करके सूर्य देव को सुबह सुबह जल चढ़ाते हैं तो वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और हमें जीवन अनेकों कष्टों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं।
जो बच्चा पढाई में कमजोर है उसे आदित्यहृदय स्तोत्र का जरूर करनी चाहिए, बीमार व्यक्ति को भी इसका पाठ करने से लाभ मिलते हैं। यानी हम कह सकते हैं जिसकी सूर्य कमजोर हैं वह इस आदित्यहृदय स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करें। तो नीचे इसका PDF दिया गया है –
Aditya Hridaya Stotra PDF
PDF Name | Complete Aditya Hridaya Stotra PDF by Geetapress (व्याख्यासहित) |
Author Name | महर्षि वाल्मीकि |
Book Size | 1.99 MB |
No. of Pages | 32 pages |
Publisher | गीताप्रेस, गोरखपुर |
Language | हिंदी |
PDF Category | eBook |
Source | archive.org |
Please wait while flipbook is loading. For more related info, FAQs and issues please refer to DearFlip WordPress Flipbook Plugin Help documentation.
आप इस बुक को 3 dot पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।