Ashta Siddhi Secrets
चोपाई
” अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता ”
भारत में शायद ही ऐसा कोई होगा जिसने इस चौपाई के बारे में नहीं सुना होगा, हनुमान चालीसा के इस चोपाई के माध्यम से तुलसी दास जी ने कहा है की हनुमान जी अपने भक्तो को 8 प्रकार की सिद्धियाँ तथा 9 प्रकार की निधियाँ प्रदान कर सकते है,
ऐसा सीता माता ने हनुमान जी को वरदान दिया, यह अष्ट सिद्धियाँ बरी ही समत्कारी होती है, जिसकी बदौलत हनुमान जी ने असंभव से लगने वाले काम को भी आसानी से संपन किये थे,
शास्त्रों में अष्ट सिद्धिओ के बारे में विस्तार पुर्बक उल्लेख किया गया है, और जिसका अनुशरण करके हमे ये मालूम चलता है की अष्ट सिद्धिओं को प्राप्त करने का मार्ग बहुत ही कठिन है,
परंतु जो साधक इन अष्ट सिद्धिओं को प्राप्त कर लेता है वह जीवन की पूर्णता को पा लेता है, फिर वो अलौकिक शक्तिओ का भी स्वामी बन जाता है,
उसके लिए दिव्य दृस्टि, अपना आकार छोटा कर लेना, घटनाओं की पूर्ब आभास प्राप्त कर लेना इत्यादि, बच्चों के खेल जैसा लगता है,
आज मैं आपको अष्ट सिद्धिओं के अपार शक्तिओँ के बारे में बिस्तार पुर्बक बताऊंगा, जिसे जानकर आप हैरान हो जायेंगे और सोचेंगे की ये आज तक तो हमने अष्ट सिद्धिओं के बारे में हनुमान चालीसा के माध्यम से सुना था, परंतु इसमें कितना शक्ति है ये आज हमे मालूम हुआ,
मुख्य सिद्धियाँ 8 प्रकार की कही गयी है, इन अष्ट सिद्धिओं को पाने के उपरांत साधक के लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं रहता, चलिए अब बात करते है इन 8 प्रकार की मुख्य सिद्धिओं के बारे में, और इनसे मिलने वाली शक्तिओ के बारे में –
No 1 – अणिमा सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त करने वाले साधक को खुद को सूक्ष्म बना लेने की शक्ति प्राप्त होती है, यह वो सिद्धि है जिसमें युक्त हो कर व्यक्ति सूक्ष्म रूप धारण कर सकते है, एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है, और आकार में लघु हो कर एक अनु के रूप में परिवर्तित हो सकता है;
No 2 – गरिमा सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त करने वाले साधक खुद को चके जितना उतना भारी बना सकता है, जिसके द्वारा वह किसी के हटाए या हिलाये जाने पर भी नहीं हिल सकता;
No 3 – महिमा सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त कर लेने से साधक विशाल रूप धारण कर सकते है;
No 4 – लघिमा सिद्धि –
इस सिद्धि के माध्यम से साधक खुद को हल्का बना सकते है, लघिमा सिद्धि में साधक अपने आपको अत्यधिक हल्का महसूस करता है, इस दिव्य महा शक्ति के प्रवाव से योगी सुदूर अनंत तक फैले हुए ब्रह्माण्ड की किसी भी पदार्थ को अपने पास बुलाकर उसको लघु करके अपने हिसाब से उसमें परिवर्तन कर सकता है;
No 5 – प्राप्ति सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त करने वाले साधक कुछ भी निर्माण करने की क्षमता रखता है, इस सिद्धि के बल पर जो कुछ भी पाना चाहे उसे वो प्राप्त कर सकता है, इस सिद्धि को प्राप्त करके साधक जिस भी किसी वस्तु की इच्छा करता है वह असंभव होने पर भी उसे प्राप्त हो जाती है, केवल इसी सिद्धि द्वारा ही साधक असंभव को संभव कर सकता है;
No 6 – प्राकाम्य सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त करने वाले साधक कोई भी रूप धारण कर सकते है, सिद्धि के सिद्ध हो जाने पर मन के बिचार आपके अनुरूप परिवर्तीत होने लगता है, इस सिद्धि में साधक अत्यंत शक्तिसाली शक्ति का अनुभव करते है, व्यक्ति चाहे तो आसमान में भी उर सकते है, और यदि चाहे तो पानी पर भी चल सकते है;
No 7 – ईशित्व सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त कर लेने पर साधक हर सत्ता को जान लेता है, और उस पर उसका नियंत्रण हो जाता है, इस सिद्धि को प्राप्त करके साधक समस्त प्रभुत्व का अधिकार प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है, इस सिद्धि को सिद्ध हो जाने पर साधक अपने आदेश के अनुसार किसी पर भी अधिकार जमा सकते है, चाहे वो राज्य हो या फिर साम्राज्य;
No 8 – वशित्व सिद्धि –
इस सिद्धि को प्राप्त हो जाने पर साधक को जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण हो जाता है, इस सिद्धि के द्वारा जड़, चेतन, जीव, जंतु, पदार्थ, प्रकृति सभी को सयम के वश में किया जा सकता है, इस सिद्धि को पा लेने वाले साधक जब चाहे और जहा चाहे किसी प्राणी को अपने वश में कर सकते है।
तो अब मैंने बता दिया ये सभी प्रकार की सिद्धिओं के बारे में लेकिन एक बात मैं कह दूँ की ये सिद्धियाँ प्राप्त करना इतना आसान नहीं दोस्तों, और ये भी सही है की ये सिद्धिआँ हमे कैसे मिल सकते है ये आज तक mystery ही बन के रह सुका है,
ये सिद्धि प्राप्त करने के लिए आपको कितने साल तक ध्यान करना पड़ेगा किया किया नियम करना पड़ेगा ये आज तक किसी को पता नहीं चला है,
लेकिन ये भी सच है किसी को इसके बारे में पता और वो जो है वह हमारे पास नहीं रहते है, हिमालय में अपने देखा होगा t.v. पर news पर जो बाबा जी रहते है न उनको सायद इसी कुछ सिद्धिओं के बारे में पता चला होगा, वरना वो लोग कैसे ज्यादा से ज्यादा -35 ℃ तापमान तक वो नग्न हो कर भी रह सकता है,
उन लोगो ने सालों से जो ध्यान कर रहे है उसी से सायद उसको कुछ ऐसा शक्ति का आभास होते है, जिसके कारण ही वो लोग हिमालय की इतनी कम तापमान में भी ज़िंदा रह रहा है।
आप इस ज़िंदगी में तो अमर नहीं बन सकते बिना अमरत्व प्राप्त करे, लेकिन दोस्तों मैं एक बात कहना चाहूंगा की अगर आप meditation करेंगे न तो आपको कभी बीमार नहीं होगी, आपको आपकी जीवन में कभी दुःख नाम की चीज नहीं होगी, न रोग, न पैसो की कमी, न किसी को आप दुःख दे सकते, न किसी को आप दुःख में देख सकते हो।
अगर आप meditation करने लग गए न तो इस दुनिआ की सभी कठिनाई आपको सरल लगने लग जायेंगे, ये मैं इसलिए कह पा रहा हूँ क्यूंकि मुझे इसकी अनुभव हो सुका है।
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