Happier at Home Book Summary in Hindi – ख़ुशी का 9 महीने का प्रोजेक्ट

Happier at Home Book Summary in Hindi – साल 2012 में किताब रिलीज हुई जिसका नाम “Happier at Home” है. इस किताब के माध्यम से आपको पता चल जाएगा कि असल मायने में खुद के घर का ट्रांसफॉर्मेशन कैसे किया जाता है. इस किताब के माध्यम से आपको उस फ़ॉर्मूले के बारे में भी पता चलेगा जिसके मदद से आप अपने परिवार और घर को बेहतर बना सकते हैं.

क्या आपको अपने घर के माहौल को बेहतर बनाना है या फिर क्या आप खुश रहना चाहते हो तो ये बुक आपके लिए है।

लेखिका

लेखन की दुनिया में “Gretchen Rubin” एक बड़ा नाम हैं. इन्होने कई किताब का लेखन किया है. लेखन के साथ ही साथ ये पॉडकास्ट भी होस्ट करती हैं. “Better than Before” और “The Happiest Project” जैसी किताबों का लेखन इन्होने किया है.

Happier at Home Book Summary in Hindi – ख़ुशी का 9 महीने का प्रोजेक्ट

आपके घर में ही है ‘हैप्पीनेस’ का रास्ता

आज के दौर में कई सारे लोग ऐसा सोचते हैं कि ख़ुशी को पाने के लिए उन्हें कड़े फैसले लेने पड़ेंगे. कई तो ऐसा भी सोचते हैं कि बिना लाइफ में कुछ बड़ा किये हुए ख़ुशी मिल ही नहीं सकती है. कई लोगों के मन में ये फितूर सवार हो गया है कि खुश रहने के लिए 24 घंटे पॉजिटिव रहना पड़ता है.

इस किताब के माध्यम से आपको पता चलेगा कि ये ख्याली पुलाव झूठ के सिवा और कुछ भी नहीं हैं. अगर आपको भी जीवन में ख़ुशी की तलाश है तो ये किताब आपको वो रास्ता बताएगी कि कैसे अपने घर में छोटे-छोटे बदलाव करके आप खुशहाल रह सकते हैं.

क्या आप Happiness की तलाश के लिए 9 महीनों का प्रोजेक्ट स्टार्ट कर सकते हैं?

आपको हर महीने अलग-अलग प्रिंसिपल को फॉलो करना है. इससे आपके ही घर में आपकी जिंदगी बेहतर होगी. अगर आप इस प्लान में डटे रहेंगे तो ख़ुशी के रूप में सफलता आपके कदम ज़रूर चूमेगी. सबसे पहले खुद से ये सवाल करिए कि क्या आप 9 महीने के इस धमाकेदार प्रोजेक्ट के लिए तैयार हैं?

अगर हैं, तो आज ही इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दीजिये!

करीब-करीब हर इंसान के जीवन में खुशी का रास्ता उसके परिवार से होकर गुज़रता है. इसलिए एक खुशहाल परिवार के लिए आपको समझना पड़ेगा कि आपके घर में आपकी ज़रूरत के साथ-साथ आपके परिवार की ज़रूरत भी पूरी होनी चाहिए. अगर आपके घर में 4 लोग हैं तो फिर आपका घर हर किसी के लिए ख़ुशी का रास्ता होना चाहिए.

खुशहाल घर बनाने के लिए सबसे पहले आपको फिगर आउट करना पड़ेगा कि किस चीज़ में बदलाव की ज़रूरत है?

सबसे पहले इस बात का पता लगाइए कि किस चीज़ से आपको अच्छा लगता है? क्या वो आपकी फॅमिली फोटो है? या फिर कोई महक ?

दूसरे पड़ाव में आपको ये ओब्सर्व करना है कि घर के अंदर ऐसी क्या चीज़ है जिससे आप काफी ज्यादा डिस्टर्ब हो जाते हैं. क्या वो कोई डरावनी तस्वीर हैं? या फिर कुछ और है.

अब तीसरे पड़ाव में आपको खुद से सवाल पूछना पड़ेगा कि आप अपने घर में बेहतर कैसे महसूस करते हैं. इस तरह आपको एक लाइफ स्टाइल पैदा करनी पड़ेगी. यही लाइफ स्टाइल आपके रूटीन में शामिल होगी. जब ये रूटीन में शामिल हो जायेगी. उसके बाद आपको खुद के ही घर में काफी कुछ बदला-बदला सा नज़र आने लगेगा.

अब आपने 9 महीने के प्रोजेक्ट के बारे में फंडामेंटल स्ट्रक्चर को समझ लिया है. आगे के अध्याय में आपको और काफी कुछ सीखने को मिलने वाला है.

सच्चाई से खुद का सामना करवाइए

क्या आपके घर में बहुत सारा सामान भरा हुआ है? कभी ऐसा हुआ होगा कि कोई आपको कुछ सामान दे गया होगा. क्या वो सामान आज तक आपके घर में रखा हुआ है? अगर आपको ख़ुशी आपके घर के अंदर चाहिए. तो कई बदलाव लाने पड़ेंगे. उनमे से एक बड़ा बदलाव ये हैं कि शायद आपको अपना घर कुछ खाली करने की ज़रूरत है.

अगर आप ऐसा घर चाहते हैं. जिससे आपको ख़ुशी और आराम मिले. तो सबसे पहले उस मकान को घर बनाइए. इसके लिए आपको अपने चारों तरफ के माहौल को बदलने की ज़रूरत है. हर ऑब्जेक्ट के पास जाकर खुद से सवाल करिए कि आखिरी बार कब मैंने इसका यूज किया था? अगर उसकी अभी ज़रूरत नहीं है तो फिर उसको बदल दीजिये. अपने आस-पास ऐसा माहौल बनाइए जिससे आपको ख़ुशी मिले.

अब आपने जो भी फैसला किया है. उस फैसले के साथ अडिग रहने की कोशिश करिए. आपने जिन सामानों को भी चुना है कि वो आपके साथ रहेंगे. उन आइटम्स के साथ दोस्ती करने की कोशिश करिए. दोस्ती से हमारा मतलब है कि आपको अपने घर से लगाव होना चाहिए.

आपके घर में वो चीज़ें साफ़-साफ़ नज़र आनी चाहिए. जिन चीज़ों से आपको प्यार है. एग्जाम्पल के तौर पर आपके चाहने वालों की तस्वीरें दीवारों पर ज़रूर होनी ही चाहिए.

अपने घर को ऐसे सजाने की कोशिश करिए कि पॉजिटिव वातावरण बन सकें. अगर आप ऐसा करते हैं. तो इससे आपका परिवारिक जीवन भी बेहतर होगा. जितना बढ़िया आपके घर का माहौल होगा उतनी ही बेहतर आपकी जिंदगी होगी.

इस अध्याय में आपको एक बात बार-बार पढ़ने को मिली होगी. वो बात ये है कि अपने घर को अच्छे से रखना चाहिए. ज़िन्दगी में पहचानिए कि कचरा क्या है? उस कचरे को पहचानकर जल्द से जल्द उसे अपनी ज़िन्दगी से और अपने घर से रफा-दफा करिए. जितनी जल्दी आप अपने घर को साफ़ सुधरा करेंगे. आप की ज़िन्दगी भी उतनी जल्दी ही खुशहाल होगी.

खुशहाल ज़िन्दगी के लिए खुशहाल परिवार की ज़रूरत है

आपके के चाहने वालों के साथ अगर आपके रिश्ते मधुर हैं तो आप खुश हैं. आपकी ख़ुशी के लिए अगर कोई इंसान ज़िम्मेदार हो सकता है तो वो सिर्फ और सिर्फ आप ही हो सकते हैं. इसलिए इंसान को हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि वो अपने रिश्तों को हल्का और खुशहाल रख सकें. आपके रिश्ते और बॉन्डिंग जितनी बेहतर होगी. उतनी ही बेहतर आपकी जिंदगी होगी. अगर आप शादीशुदा हैं. आपको आपका संबंध रिलैक्स और पीसफुल चाहिए तो सबसे पहले आपको खुद रिलैक्स होना पड़ेगा.

इसी तरह, यदि आप एक देखभाल और स्नेही संबंध चाहते हैं, तो अपने आप से प्यार करें. उस पल का इंतज़ार मत करिए कि आपका पार्टनर प्यार करने के लिए पहल करे. ये याद रखिये कि शुरुआत तो आप भी कर सकते हैं.

उदाहरण के लिए लेखिका अपना एक किस्सा शेयर करते हुए बताती हैं कि एक शाम की बात है. उनके पति काम से शाम को घर लौटे थे. वो देखने में काफी ज्यादा ऑफ़ नजर आ रहे थे. तब लेखिका ने उन्हें एक लंबा किस किया था. बजाय ये पूछने के कि उनका मूड क्यों ऑफ़ है? उस किस के बाद उनके पति काफी ज्यादा रिलैक्स हो गये थे. इसलिए अगर आपको भी अपने संबंधों में मधुरता लानी है तो शुरुआत करने की हिम्मत दिखाइए.

ये प्रिंसिपल आप अपने बच्चों के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जब आप ये प्रिंसिपल अपने बच्चों के लिए इस्तेमाल करने लगेंगे तो आपको खुद ही नज़र आएगा कि उनका नजरिया आपके प्रति काफी कुछ बदल सा गया है. आप अपने आस-पास के लोगों के साथ जैसा बिहेव करेंगे. वो भी आपके साथ वैसा ही बिहेव करेंगे.

कठिन माता-पिता मत बनिए. खुद को भी आसान बनाइए और अपने जीवन को भी आसानी के साथ बिताइए.

जैसा कि आपने सीखा है, आपका घर जितना कम अनओर्गनाइजड है, उतना ही खुशहाल होगा. लेकिन यह भी सच है कि आपकी ख़ुशी ही आपके घर की ख़ुशी है. तो अब सवाल ये उठता है कि आप खुद की ख़ुशी को बढ़ाने के लिए और क्या कर सकते हैं?

इसकी शुरुआत आप अपनी ज़िन्दगी से उन कचरों को साफ़ करने से करिए जो आपको दुखी करते हैं. अगर आपके जीवन में ऐसे लोग हैं जो आपके दुःख का कारण हैं तो सबसे पहले तुरंत उनसे दूर हो जाइए.

जिन भी लोगों को आप जीवन में ख़ुशी पायेंगे एक कॉमन बात उनके अंदर आपको देखने को मिलेगी. वो ये है कि वो लोग जोश और उम्मीद से भरे हुए होते हैं. वहीं दुखी लोग हमेशा अपना दुख दूसरों के ऊपर डालने के फिराक में रहते हैं.

अब इतना तो समझ में आ गया कि आपका परिवार तभी खुश रहेगा जब आप खुश रहेंगे. तो फिर खुद को खुश रखा कैसे जाता है ?

इस सवाल का जवाब देने वाले आपको कई मिल जायेंगे. कई लोग आपको ये भी सलाह देंगे कि मटेरियल दुनिया में अपनी ख़ुशी ढूंढो. लेकिन एक बात आप गांठ बांध लीजिये कि असली ख़ुशी कभी भी आपको किसी चीज़ में नहीं मिलेगी. अगर आपको यथार्थ वाली ख़ुशी की तलाश है तो सबसे पहले खुद को शीशे में देखिए और सवाल करिए कि क्या आप खुद का बेस्ट वर्जन हैं ?

अगर जवाब में आपको ना मिलता है तो शुरू हो जाइए. सबसे पहले खुद का बेस्ट वर्जन बनने की कोशिश करिए. कई बार अच्छा दिखने से भी अच्छा लगने लगता है. इसलिए कभी अच्छा दिखना बंद मत करिए. दूसरों के लिए अच्छा मत दिखिए बल्कि खुद के लिए खुद के ऊपर काम करिए. आपको खुश सिर्फ और सिर्फ आप रख सकते हैं.

अपने आस-पास का सर्कल बेहतर बनाने की कोशिश करिए

अगर आप अपनी ज़िन्दगी के मेन पिल्लर्स की बात करेंगे तो उसमे पहला नम्बर आपके परिवार का ही आएगा. परिवार एक ऐसी चीज़ होती है.जिससे कभी आप बोर नहीं हो सकते हैं. ना ही कभी माता पिता अपने बच्चों से और ना ही बच्चे कभी अपने माता-पिता से बोर हो सकते हैं. इसलिए अपना सर्कल बनाते समय हमेशा इस बात का ख्याल रखना है कि परिवार को कभी भी नज़र अंदाज़ नहीं करना है.

आपके माता-पिता और भाई-बहन आपके जीवन के वो पार्ट हैं. जिन्हें कभी भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है. उनसे आपका रिलेशनशिप जितना बेहतर होगा. आप जीवन में भी उतने ही खुश होंगे.

उदाहरण के लिए लेखिका अपनी कहानी बताती हैं. वो कहती हैं कि एक प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने अपनी बहन की मदद ली थी. वो प्रोजेक्ट कुछ दिनों तक चला था. बहन के साथ काम करने से उनका प्रोजेक्ट तो अच्छे से हुआ ही था. सबसे अच्छी चीज़ ये हुई थी कि उन्होंने अपनी बहन के साथ काफी अच्छा समय बिताया था.

लेखिका बताती हैं कि परिवार के प्रति प्यार की तुलना आप किसी और चीज़ से नहीं कर सकते हैं. इसलिए हमेशा अपने परिवार के लिए प्यार बनाए रखिये.

इसी के साथ लेखिका ये भी कहती हैं कि हमेशा खुदा को इस बात के लिए शुक्रिया कहते रहिये कि आपको इतना बढ़िया परिवार मिला है. खुद के अंदर एक आदत को डेवलप करिए. ये आदत होनी चाहिए कि आप अपने परिवार के लिए शुक्रगुजार बने रहेंगे.

इसी के साथ अगर आप अपने पड़ोसी को जान सकते हैं. तो वो भी बेहतर ही होगा. आपके परिवार का साइज़ थोड़ा सा और बड़ा हो जाएगा. जब परिवार का साइज़ बड़ा होगा. तभी आपकी खुशियों का साइज़ भी बड़ा हो जायेगा.

इसी के साथ अपने साथ आप एक और एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं. खुद से पूछिए कि क्या आप अपने एरिया को अच्छे से जानते हैं? अगर नहीं जानते हैं. तो क्यों ना आज शाम ही एक लंबी वॉक पर जाया जाए? इस लंबी वॉक के दौरान आप खुद की पहचान आस पास की चीज़ों से ज़रूर करवाईयेगा. आपको महसूस होगा कि आपको अंदर से कितना अच्छा लग रहा है. खुद की ख़ुशी के लिए कभी भी किसी के ऊपर निर्भर नहीं होना है. आपकी ख़ुशी आपके ही अंदर है.

अपने आस-पास के लोगों को भी खुद का ही परिवार समझने की कोशिश करिए. अगर आपको कुछ अच्छे लोग मिलते हैं तो उनके साथ बांड बनाने की कोशिश करिए. एक बात का ध्यान रखिये कि जितना खुशहाल और बड़ा आपका परिवार होगा. उतनी ही बड़ी आपकी ख़ुशी होगी. इसलिए हमेशा अपने परिवार को बड़ा करने की कोशिश में लगे रहिये.

पूरा खेल ही ‘स्टेट ऑफ़ माइंड’ का है

अपने दिमाग को आप इतना आज़ाद करिए कि आप कहां पर हैं इससे फर्क ही नहीं पड़ना चाहिए. आप जहाँ भी हों वही आपका घर हो जाए. इन सब अध्यायों को पढ़कर आपको इतना तो पता चल ही गया होगा कि घर में कुछ बदलाव लाना कितना ज़रूरी है ?

आपको इस बात का ध्यान रखना है कि घर का आपका प्राइवेट स्पेस ऐसा होना चाहिए जैसे आप हैं. आपकी घर की दीवारें आपके असल व्यक्तित्व की कहानी बयाँ करनी ही चाहिए.

जब आपका घर आपका व्यक्तित्व बतायेगा, तभी आपके जीवन में सुधार भी आएगा. अगर घर खुश रहेगा तो आप भी खुश ही रहेंगे.

कभी भी हैप्पीनेस को भविष्य में टालने की गलती मत करियेगा. आपके लिए हैप्पीनेस का मतलब आज और अभी होना चाहिए. अगर जीवन में कुछ दिक्कतें चल भी रहीं हैं तो उनका सामना करिए.

आप जवान हैं, छाती चौड़ी करके मुश्किलों के सामने खड़े हो जाइए. मुश्किलें अपने आप आपकों आसान लगने लगेंगी.

Conclusion

रोजमर्रा की जिंदगी में ख़ुशी की तलाश पूरी करने के लिए सबसे पहले आपको अपने घर के अंदर कुछ बदलाव लाने पड़ेंगे. आपका घर ऐसा होना चाहिए. जहाँ आपकी ज़रूरत की चीजें और आपके परिवार की ज़रूरत की चीजें मौजूद हों.

आपके घर का माहौल बेहतरीन होना चाहिए. जैसा आपके घर का माहौल होगा. वैसी ही आपकी जिंदगी भी होगी.

अगली बार आप जब भी घर के लिए कुछ खरीदें तो खुद से सवाल करियेगा कि क्या इसकी ज़रूरत आपको है? क्या इस चीज़ से आपके परिवार वाले खुश होंगे? ये सिंपल एक्सरसाइज आपके जीवन को आसान बना देगी.

तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह Happier at Home Book Summary in Hindi कैसा लगा ?

क्या आप खुश है ? क्या आपके आसपास सभी लोग खुश है ?

आपने आज ख़ुशी के बारे में क्या सीखा ?

अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताये।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

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