Hindi Poem – कौन हैं!
आभा हैं अनेक अन्दर
अवगुण मानों गोण हैं।
होठ उछलते नाक तक
किन्तु जुबां से मौन हैं।
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
शालीनता है सावित्री सी
सदाचार व संकोच हैं।
गली-2 में बसी ये उर्वशी सी
रूप-रंग समायोजक कौन हैं ?
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
पेट में चाहे जितना भी हो अन्न
किन्तु पर्याप्त रहे श्रंगार प्रसाधन
परिचित हैं कुछ अपरिचित सी
ये मेरी लगती कौन हैं।
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?
पीठ पर तरकस सा कुछ लदकर
हाथों में कोई यंत्र सुसज्जित कर
केस झटकाती व कमर मटकाती
दीपक की बाती सम ये नारी कौन हैं ?
कोई बताओ इनमें से राधा कौन हैं ?