ये कहानी मेरे एक दोस्त की है, जो उनके साथ 2016 में घटित हुई थी। आज मैं उसी की नजरिये से ये कहानी आपको बताऊंगा। तो बिना देरी के चलिए शुरू करते हैं –
ये कहानी है 2016 की, जब मैं R.V. College में इंजीनियरिंग कर रहा था।
कॉलेज का 1st year था और मुझे Chamundi Block में रूम no. 36 अलॉट हुआ था।
हॉस्टल के पहले दिन से मेरे साथ कुछ अजीब ही चीजें हो रही थी।
रोज सोने के बाद में आधी रात में मुझे किसी लड़के के रोने की आवाजें सुनाई देती थी, जैसे कोई उस लड़के को बुरी तरह पीट रहा हो।
कभी मुझे ऐसा लगता था कि मेरी रूम के अंदर कोई आया है और खिड़की के पास खड़े होकर मुझे बस घुड़ते जा रहे है।
मुझे तब और ज्यादा डर लगने लगा, जब मेरे रूममेट ने बताया कि उसे ऐसी कोई आवाज सुनाई नहीं देती।
शुरू के पहले महीने में हमें 4 दिन की छुट्टी मिली थी, कई लोग घर चले गए और हॉस्टल में बहुत ही कम लोग रुके थे।
मेरा रूममेट भी घर चला गया और मैं मेरे रूम में अकेला था।
उस दिन रात को बाहर जोड़दार बारिश हुई थी।
करीब रात के 12 बजे दरवाजे पे बहुत जोड़ से खटखट की आवाजें आने लगी, मैंने दरवाजा खोला तो वहां कोई नहीं था।
लेकिन जब मैं वापस मुड़ा तो मेरे रूम का सारा सामान बिखड़ा पड़ा था।
बारिश और तेज हो गयी थी, जिसकी वजह से लाइट भी चली गयी।
कुछ देर बाद दरवाजे पर और जोड़ो से खटखट हुई, लेकिन इस बार भी बाहर कोई नहीं था।
तब मैंने देखा जिस पर हमेशा ताला लगा हुआ रहता था, वो बिलकुल खुला पड़ा था।
पता नहीं मुझे क्या सुझा, मैं उस रूम के अंदर झाँकने से खुद को रोक ही नहीं पाया।
अंदर घुसते ही कमड़े का दरवाजा एकदम जोड़ से बंद हो गया, मुझे फिर वही रोने की आवाज सुनाई देने लगी, जो मुझे रोज रात में सोने नहीं देती थी।
तभी मेरे पीछे की अलमाड़ी भी बहुत तेजी से हिलने लगी, मुझे ऐसा लगा कि उसके अंदर से कोई बाहर आना चाहता है।
इतने में मुझे खिड़की टूटने की आवाज सुनाई दी और जैसे ही पीछे मुड़ा मुझे कड़कती बिजली की रौशनी में पंखे से लटकी एक लड़के की लाश दिखाई दी। मैं वो देखके पूरी तरह घबरा गया।
और जैसे-तैसे करके उस कमड़े से निकलकर नीचे गार्ड के पास भागा और उसे सब कुछ बताया। और मुझे उस गार्ड अंकल ने उस रूम no. 37 ले गया, लेकिन अबकी बार मैंने जो देखा उससे मेरे होश उड़ गए।
मैंने देखा उस कमड़े पर ताला लगा हुआ था।
उस गार्ड अंकल ने मुझे बताया, वो रूम पिछले 15 सालों से बंद पड़ा है।
उसने बताया कि यहाँ एक लड़का रहता था, जिसे यहाँ एक प्रोफेसर की बेटी से प्यार हो गया था, लेकिन प्रोफेसर को उनका रिश्ता बिलकुल मंजूर नहीं था।
और cultural fest के एक दिन उस प्रोफेसर ने उस लड़के को पंखे से लटका कर मार डाला।
और उस लड़के का नाम भी अमित था, ये सुनके मैं तरह काँपने लगा।
मैंने उस रात उस गार्ड अंकल के पास ही गुजारा और मैंने अगली सुबह ही उस हॉस्टल को छोड़ दिया।
उस रात के बाद मेरे साथ ऐसा किस्सा कभी नहीं हुआ, लेकिन फिर भी मेरे अंदर उस हॉस्टल के सामने गुजरने की हिम्मत कभी नहीं हुई।
दोस्तों अगर आपके पास भी ऐसी कहानी है तो हमें Email पर भेज सकते है। Email id – thoughtinhindiweb@gmail.com
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.