कुलधरा गाँव

ये कहानी है राजस्थान की कुलधरा गाँव की, अगर आपको जानना है कि कुलधरा कितना भूतिया है तो ये कहानी आगे पढ़ते रहिये –

राजस्थान का कुलधरा गाँव इंडिया की सबसे Haunted जगहों में से एक है।

यहाँ कई लोगों के साथ ऐसे अजीब हादसे हुए हैं, जिन्हें आसानी से बयां नहीं किया जा सकता।

कुलधरा गाँव 170 साल पहले अचानक एक दिन बंजर हो गया, जितने भी लोग यहाँ रहा करते थे, वो सब ये जगह छोड़के चले गए।

उस गाँव की जो पालीवाल brahmins थे उन्होंने एक ही रात के अंदर उस गाँव को छोड़ दिए और ये भी एक रहस्य बनके रह गए कि उस गाँव के लोग सेटल्ड कहाँ हुए।

सिर्फ एक ही रात में पूरा गाँव डेजर्ट बन गए और किसी को नहीं पता वहां के लोग एक ही रात में कहा गायब हो गए।

मान्यता है कि इस गाँव के ऊपर एक श्राप है, और भटकती आत्माएं किसी भी इंसान को यहाँ टिकने नहीं देती।

जब कुलधरा में भूत-प्रेत की होने की बातें बहुत बढ़ने लगे, तब दिल्ली की एक Paranormal Investigation Team ने गाँव में जाके इस रहस्य की सच्चाई का पता लगाने का सोचा।

2011 में 4 Paranormal Experts की टीम दोपहर के समय कुलधरा पहुंची और उन्होंने अपनी investigation शुरू करी।

शुरू शुरू में उन लोगों को किसी भी पैरानॉर्मल एक्टिविटी या किसी भी एनर्जी का कोई sign नहीं मिला।

उनका EMF मीटर और Ghost Detector मीटर जो आसपास की शक्तिओं और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड्स को identify कर लेता है, उसने भी कोई signal नहीं पकड़ा।

पर जैसे जैसे शाम होने लगी, उन्हें कुलधरा की महल में भाड़ीपन महसूस होने लगा।

जब उनमें से एक टीम मेंबर अंशुमान, गाड़ी में रखी पानी की बोतल लेने गाड़ी के पास गया तब उसने देखा कि उन लोगों की गाड़ी पर किसी बच्चे के हाथ के निशान थे। उसको ये बेहद अजीब लगा।

क्यूंकि दूर दूर तक वहां कोई भी बच्चा नहीं था।

इतने में टीम के बाकि तीन लोग जो कुलधरा के अंदर थे उन्हें अचानक महसूस हुआ कि औरतों का झुण्ड उनकी तरफ बढ़ रहा है।

उन्होंने जैसे ही अपना पैरानॉर्मल मीटर ऑन किया, वैसे ही उस मीटर ने एक अजीब सी frequency पकड़ना शुरू कर दिया, जो उन औरतों के बढ़ते क़दमों की आवाज के साथ और तेज हो गए।

वही अंशुमान अपनी गाड़ी से पानी की बोतल निकालते हुए गाड़ी के शीशे को एकदम से डर गया।

शीशे से उसने देखा कि एक बहुत ही बूढ़ा सा आदमी वहां खड़ा उसे घूर रहा है, पर जब उसने गाड़ी के बाहर देखा, तो बूढ़ा आदमी गायब था।

और तभी उसे खुलधरा की खंडहरों से अपने दोस्तों के चीखने की आवाज सुनाई दी।

वो भागा-भागा अंदर गया, तो उसने देखा कि उसके दोस्त सही सलामत एक कुएँ के पास खड़े हुए है।

ठण्ड बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी और उनका मीटर ये संकेत दे रहा था कि कुएँ के अंदर किसी आत्मा का वास है।

जैसे ही उन्होंने कुएँ के अंदर टॉर्च मारी, वहां से चमगादड़ों का एक झुण्ड निकला, जिससे वो सभी बहुत डर गए।

अंशुमान ने हिम्मत करके उस कुएँ में वापस झाँका तो उसको वहां से अजीब सी आवाजें आयी – “वापस चले जाओ, चले जाओ यहाँ से……”

और फिर एक बार पीछे से औरतों के झुण्ड उनकी तरफ बढ़ने की आवाजें वापस आने लगी।

इतने में अचानक कुएँ के अंदर से एक हाथ अंशुमान की तरफ बढ़ा और अंशुमान के हाथ को पकड़कर उसको कुएँ के अंदर खींचने लगा।

अंशुमान ने जैसे ही नीचे देखा वो हक्का-बक्का रह गया, उसको वही डरावना बूढ़ा आदमी दिखा और अंशुमान बेहोश हो गया।

उसके बाकि दोस्तों ने उसको वहां निकाला और कुलधरा से वापस जाने का फैसला किया।

जल्दी जल्दी वो उस रात निकल तो जरूर गए, लेकिन कुलधरा में जो भी उन्होंने महसूस किया उससे उन्हें यकीन हो गया की कुलधरा बहुत ही Haunted है। और वहां रात में बहुत ज्यादा आत्माएं भटकती है।

अंशुमान की तबियत उस हादसे के बाद काफी महीनों तक ख़राब रही और कई सालों तक वो बूढ़ा आदमी उसके सपनों में आता रहा।

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