Meditation Kaise Kare (सही और सरल तरीका) – Meditation in Hindi

How to Do Meditation in Hindi – Meditation Kaise Kare ? Hello दोस्तों,आज मैं आपको मैडिटेशनकैसे करते है मतलब सही तरीका क्या है मैडिटेशनकरने की वो पूरा details में बताऊंगा।



 दोस्तों मैंने जहाँ से Meditation सीखा है और उसी से सीख कर, खुद से उस तरीके को Experience किया हूँ, उसका video मैंने आपके लिए Article की Last में दिया है, आप उसे देखे सकते है।

 अगर आपको पता नहीं असल में मैडिटेशन होता क्या है ? मेडिटेशनकरने से हमको क्या फायदा मिलता है ?मैडिटेशनक्यों करना चाहिए हमको ? और मैडिटेशन की पूरी जानकारी के लिए आप हमारा यह article जरूर पढ़े –

 

 इस article को पढ़े बिना आप meditation को करने बैठेंगे तो आपको कुछ समझ में नहीं आएंगे, आपको पहले basics of meditation को सीखना जरुरी है,

तो अब इस article को पढ़ने के बाद आज हम जानेंगे की meditation असल में मतलब सही तरीकेसे कैसे करते है – Meditation कैसे करें ?


How to do Meditation in Hindi – Meditation Kaise Kare



 ध्यान करने के लिए आपको कुछ ही नियम मानना होता है, अगर आप ज्यादा नियम मानने लगोगे तो कुछ 2-3 दिन बाद आपका मन करेगा की meditation तो बेकार की चीजे है।


 वैसे ध्यान के 8 बहुत ही important नियम है जो साधारण लोग समझ नहीं पाएंगे या कर नहीं पाएंगे या फिर करने की कोशिस भी करे तो भी 2-4 दिन बाद आप meditation करना ही बंद कर दोगे, आप चाहे तो ये पढ़ सकते है – ध्यान के अष्टांग योग

 तो इसीलिए मैं आपको सिर्फ वो बताऊंगा की आप ध्यान(मेडिटेशन) कैसे कर सकते है उसका सरल व् सर्वश्रेष्ठ तरीका, जिसमें आपको हर दिन meditation करने का मन करेगा।



जरुरी नहीं की आप पहले दिन से ही 1 घंटा meditation करने लग जाओगे। इसीलिए मैं आपको ऐसा सरल तरीका बता रहा हूँ जिसको follow करने से आपको हर दिन meditation करने का मन करेगा।


इससे पहले की उस तरीके को बताऊँ, मैं एक बात आपको clear कर देना चाहता हूँ की ये तरीका सिर्फ उन लोगो के लिए है जो बीमार ना हो या जो स्वस्थ हो। मतलब शरीर आपका normal हो।


और अगर आप बीमार हो तो क्यूंकि आप कभी बिना विचार के रह नहीं पाओगे, और क्यूंकि meditation करने के लिए आपको एकदम शांत होना पड़ता है, तो आप जब बीमार हो तो rest करो और डॉक्टर के सलाह लो और जब आप ठीक हो जाओ तब आप meditation करना शुरू करो।

फिर भी आपको अगर लगता है की नीचे बताये गए tips को आप कर सकते है तो आप बीमार होने पर भी उस technique को use करके meditation जरूर करो।


 ध्यान(मैडिटेशन) करने के लिए पहले हमे अपने शरीर की सारि हरकतों को बंद करना परता है, जैसे शरीर का हिलना, देखना, बोलना, सोचना और सुनना,



No 1 :- स्थिति

 ध्यान के लिए पहला है स्थिति, आप किसी भी तरह बैठ सकते है, बैठना आरामदेह (comfortable) और निषर्य होना चाहिए।

हम जमीन और कुर्सी पर बैठ कर ध्यान कर सकते है, ध्यान हम किसी भी जगह कर सकते है जहा हम सुखदायी हों। मैं तो बिस्तर पर ही कही बैठता हूँ और कभी सीधा लेट करके भी मेडिटेशन करता हूँ।



 आप बिस्तर पर लेट करके भी meditation कर सकते है, जैसे मैं तो कभी कभी ऐसे भी करके देखता हूँ, और तब भी मैं meditation की उस state तक पहुँच जाता हूँ जैसा मुझे बैठ करके करने से अनुभव होता है।


 हाँ एक बात ध्यान में जरूर रखे उस समय की आपकी नींद ना आ जाये। आपको पूरा होश में रहना पड़ता है।


 और मैं तो एक और Interesting तरीकेसे Meditation करता हूँ कि – मैं जब रात को सोता हूँ, तो मैं अपने कान में earphone लगा कर एक video को audio के रूप में सुनता हूँ जो मुझे meditation की उस state पर ले जाते है, जहाँ मुझे कभी कभी अलग से meditation करने की जरुरत नहीं पड़ती है। हाँ ऐसा मैं कभी कभी ही करता हूँ। और उस video को नीचे मैंने दिया है आपके लिए।

meditation rule




No 2 – आराम से बैठिये, पैरों को मोरिये

 

 जब आप बैठ करके मैडिटेशन करते है, तो आप इस बात का ध्यान रखे की आप किसी ऐसी जगह बैठे जो एकदम बैठने में मुलायम है।



No 3 – उंगलिओं को फसाइये

 जैसे मैंने बताया कि मैं कभी कभी सो कर भी मेडिटेशन करता हूँ, तब भी आपको वैसे ही उंगलिया फ़साना है, जैसे आप बैठे हुए करते हो।



No 4 – आँख बंद कर लीजिये

 आंख बंद ना होने से आपके सामने जो चीजे है, उससे related चीजे आपके मन में चलता रहेगा, इसीलिए आंख बंद जरूर होना चाहिए।



No 5 – Ear Plug का use जरूर करें

 अंदर और बहारों की आवाज पर रोक लगाइये, इसके लिए आप आपकी कान में ear plug लगा लीजिये, क्यूंकि कान से अगर आपके दिमाग में किसी और की बात चला जाता है तो आपको ध्यान लगाने में कठिनाई होता है।

No 6 – मंत्र उच्चारण

 किसी भी मंत्र का उच्चारण मत कीजिये, क्यूंकि आपके मन कोई ध्वनि होने से आपकी मन अशांत हो जाता है और कुछ भी फालतू चीजे सोचने लगते है।




No 7 – पुरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिये, ढीला मतलब बिलकुल ढीला।

Secret Meditation Kaise Kare – Meditation in Hindi

जब हम पैरों को मोरते है और उंगलिओं को फसा लेते है तो शक्ति का दायरा बढ़ जाता है, स्थिरता बढ़ जाती है,
आँखें दिमाग की द्वार (door) है इसलिए आँखें बंद होनी चाहिए, मंत्र उच्चारण कोई भी ध्वनि अंदर की या बहार की ये मन की क्रियाये है, इसलिए इन्हे बंद करना होगा, 
जब शरीर ढीला छोड़ दिया जाता है चेतना दूसरे कक्ष में पहुँच जाती है।



मन और बुद्धि की control – Meditation Kaise Kare ?

 मन बिचारों का समूह है, बहुत से बिचार हमारे मन में उभरते रहते है, जब बिचार आते तो प्रश्न भी उठ खड़े होते है, जाने और अनजाने,
 

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No 8 – सांस पर ध्यान

 मन और बुद्धि को भावतीत करने के लिए हमे अपनी सांस पर ध्यान देना चाहिए, अपने आप पर ध्यान देना हमारी प्रकृति है।




No 9 – सांस

 जान – बुझ कर सांस न लीजिये, जान – बुझ सांस लीजिये न छोड़िये, सांस लेना या छोड़ना अनायास होना चाहिए।




No 10 – एकदम प्राकृतिक सांस पर ध्यान दीजिये

 आपको अपने सांस को देखना पड़ेगा, बिना सांस पर ध्यान लगाए आप Meditation की अगली स्टेट पर नहीं पहुँच सकते।


 मन में बहुत सारा विचार तो आएंगे, फिर भी आप अपने सांस पर ध्यान लगाए। फिर आपके मन में विचार आएंगे और फिर आपको अपने सांस पर ध्यान देना है। बार बार सांस से आपके ध्यान भंग हो जायेगा, फिर आपको अपने सांस पर ध्यान देना है।


 जब बार बार आप ऐसा करोगे तो कुछ दिन बाद आपका ऐसा-वैसा फालतू thoughts आना बंद हो जायेगा। और तभी आप अपने आप Meditation के अगले स्टेट में पहुँच जाओगे।

 – ये meditation की व्याख्या है, यही पहला stage है।



No 11 – विचारों का पीछा मत कीजिये

 जब भी आप मैडिटेशन करने बैठेंगे तो आपके मन में हज़ारो विचार मतलब thoughts आएंगे। उस time आप ये कर सकते है की आपके मन में जो भी thoughts चल रहे है उसको चलते रहने दो।


 आपको अपने मन में ही कहना है – “चल कितना thoughts या विचार आता है मेरे मन में, मैं भी देखता हूँ, जितना thoughts आ सकता है आओ”


 ये शब्द सुनने में तो बहुत funny है, लेकिन ऐसा करने से आपके मन एकदम से शांत हो जाता है, बिना विचार वाली स्टेट में पहुँच जाता है।



No 12 – विचार, सवाल उनसे छिपक मत जाईये, बिचारों हटा दीजिये

 एक बार जब आप ध्यान करने बैठ जाये आपको बहुत सारे बिचारों का सामना करना पड़ेगा मतलब आपके मन में बहुत सारे बिचार आएंगे। जैसे मैंने ऊपर बताया हुआ है आप वही करो।

No 13 – सांस पर ध्यान दीजिये

 सांस पर पुनः ध्यान दीजिये, प्राकृतिक सांस पर ध्यान दीजिये, सांसो में खो जाईये।


 विचार तो आएंगी ही, फिर भी अगर आप अपने साँस के ऊपर बार बार ध्यान देने की कोशिस करते रहोगे ना, तो धीरे धीरे मतलब कुछ एक महीने के अंदर अंदर आप एक ऐसी स्थिति में पहुँच जाओगे, जहाँ पर आप अपने विचार को किसी भी समय में जब आप चाहे Control कर पाओगे।


 ये सच्चाई है। लेकिन कुछ 21 दिन तक आपको लगातार Meditation करना पड़ेगा, और वो भी कहने के लिए नहीं, की आज 21 दिन पुरे हो गए है मेरा meditation के इस सफर में, ना ऐसा करने से आपको आगे लाभ नहीं मिलेगा, आपको 21 दी के बाद भी honestly हर दिन कुछ मिनट Meditation करना ही करना है, तभी आप इसका लाभ उठा पाएंगे।


 साँस पर मैं इतना ध्यान क्यों देने को कह रहा हूँ – क्यूंकि साँस ही ऐसा चीज है जो आपको बिना विचार वाली स्टेट पर ले जाता है।

मैडिटेशन(ध्यान) की दशा – Meditation in Hindi

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निर्मल स्थिति or बिना विचारों की दशा

धीरे धीरे सांसो की गहराई कम होती जाएगी, धीरे … धीरे सांस हलकी और छोटी होती जाएगी, आखिर में सांस बहुत छोटी हो जाएगी, और दोनों भागों के बीच में चमक का रूप ले लेगी, इस दशा में हर किसी में न सांस रहेगी न बिचार, आप बिचारों से परे हो जायेंगे, ये दशा कहलाता है – निर्मल स्थिति या बिना बिचारों की दशा, ये ध्यान की दशा है।

 ये वो अवस्था है जब हम पर विश्वशक्ति की बौछार होने लगती है,
 हम जितना ज्यादा ध्यान करेंगे उतनीही ज्यादा विश्वशक्तिहमे प्राप्त होगी, विश्वशक्ति प्राणमय शरीर की शक्ति में प्रवाह करती है, शक्ति से भरा हुआ शरीर प्राणमयकहलाता है। प्राणमय से related और भी बहुत कुछ है, आज इतनाही आप जान लीजिये next आपको मैडिटेशनकी बहुत सारी जानकारियाँ देंगे।

अब आपको ये बता दे की मैडिटेशन(ध्यान) मुझे क्या लाभ मिला – Meditation in Hindi



 जब से मैंने मेडिटेशन करने का नियम सीखा और करना start करा, उससे कुछ ही दिन के बाद धीरे धीरे मेरा body और mind एकदम perfect काम करने लगा।


बीमार होना ही बंद हो गया, और मेरा तो 2 साल के बाद ही इसी साल 2019 अक्टूबर में बुखार हुआ और वो भी कुछ 3-4 दिन में पूरा ठीक भी हो गया।


meditation करके आप इतना स्वस्थ रह सकते हो, जोकि आप सपने में भी नहीं सोच सकते हो।


सबसे जरुरी बात तो ये है की हम सभी लोगो के दिमाग में जो हर वक़्त कुछ ना कुछ thoughts आते रहते है, और जिसके वजह से हमारा दिमाग किसी एक काम को अच्छे से नहीं कर पाते है, तो meditation करने से आप अपने thoughts को भी control कर सकते हो।


और ये जो बिना thoughts या बिना बिचार वाली जो स्टेट होते है ना दोस्त, दुनिया की ऐसी कोई चीजे नहीं है जो आपको इतना सुख दे सकते है।


मेरा जो meditation में लाभ हुआ है short में कहु तो एक है – बीमार ना हो स्वस्थ होना, और दूसरा है की अपने thoughts को control करना।


इसी से आप एकदम अपनी जिंदगी में जो success चाहते हो ना वो आपको तभी सुख देगा जब आपका मन शांत हो, तो आप जब एकदम शांत होते हो ना तब आप जिंदगी में कोई भी success achieve कर सकते हो और सुखी जीवन जी सकते हो, ये आपको तभी पता लगेगा जब आप हर दिन चाहे 5 मिनट के लिए ही क्यों ना हो आप meditation करोगे और वो अच्छे से सीख कर करोगे।


दोस्तों व्यक्ति को कुछ ही चीजे चाहिए होता है एक खुशहाल जिंदगी गुजरने के लिए जैसे – बीमार ना होना, पैसा, सुख, शांति, और सबसे जरुरी बात की लोगो को आप कैसा व्यव्हार कर रहे है। तो मुझे जो लगता है की जब आप शांत मन से सब कुछ काम करेंगे तो आपको वो सभी चीजे अपने जीवन में पा सकते है और ये meditation करने से आपको मिल सकता है।


तो देखिये meditation जब आप करेंगे, तब आप शांत रह कर सब कुछ काम कर भी सकते है और सोच भी सकते है की उस काम को कैसे करना है और जब आप काम करेंगे शांत मन से तो आपको success तो मिलेंगी ही, तो जब आप शांत मन से काम करेंगे तब आपको कोई भी बीमारी नहीं लगेगी, और जब बीमार नहीं होगा, इधर से आपको अपने काम से success भी मिलेगा और success से पैसा भी कमा लोगे और इन सब चीजों से ज्यादा क्या है जो आप पाना चाहेंगे !!!!

तो मेरा तो बहुत फायदा हुआ आपका हुआ की नहीं meditation करने से कुछ फायदा, ये मुझे जरूर बताये, मैं जानना चाहता हूँ।

 दोस्तों अगर आपको आज का हमारा यह article (Meditation in Hindi – Meditation Kaise Kare (सही और सरल तरीका) अच्छा लगा तो इस article (Meditation Kaise Kare – Meditation in Hindiको अपने दोस्तों के शेयर करें और अगर आपको कुछ पूछना है मैडिटेशनसे related तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

20 thoughts on “Meditation Kaise Kare (सही और सरल तरीका) – Meditation in Hindi”

  1. भाइ तूमसे एक बात पूचनी थी … क्या सचमे ध्यान गहरा होने पर एक बिंदू दिखाइ देता है और उसपर फोकस करने से ही ध्यान होता है, क्या ये सच है क्या? या ये एक किताबी बात हे? क्योंकी मैने भी कूच दिन ध्यान किया मगर मूझे तो कोइ बिंदु नही दिखाइ दिया. और कभी कभी तो सर मे बिच मे दर्द और खिचाव भी महसूस होता था तो मैने ध्यान करणा छोड दिया… ऐसा सिर मे दर्द कभी तूमे हूवा है ? ऒर एसे स्थिती मे क्या करना चाहिये ?

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    • dhyan karne ke liye tumhe sabse pehle ek practice har din ye karna chahiye ki tumhe apne mind ko ekdam shant karna hai. mtlb tumhare jindgi me koi bhi problem kyun na ho rahe ho, lekin apne mind me ye sochna hai ki jo koi bhi ho raha hai vo sab bhar mei jaye aur main apne apmei khush hun meri jindgi mei koi problem nhi hai. to isse hoga kya ki tumhe apne mind mei thode din ke andar control ana shuru ho jayega aur tb tumhe apne sans ke upar dhyan kendrit karna hai aur dhire dhire kuch din bad ekdam tum dhyan vo state mei pahunch jaoge jahan par tumhe apne dimag ke upar full control rahega.

      to ab bat ye aata hai ki jo log kehte hai ki unko koi bindu dikhai diye hai to ye mere sath to nhi hua hai aj tak, lekin ye sach hai kisi kisi ko dikhai dete hai kabhi, lekin iske piche bhagna nhi hai. mtlb agr kisi se suna ki bindu dikhai dete hai to hum kya karte hai ki vo bindu dekhne ki kosich karte rehte hai aur usi wajah se hume sar dard hone lagte hai, ye main isiliye bata pa raha hun ki meine ise khud karke dekha hai, aur sach mei sar dard hota hai to iske liye tum apni meditation ko chod mat do, tum jab bhi meditation karne beitho to us waqt tumhe bina kuch soche apne sans ke upar dhyan dena hai aur tumhe sirf aur sirf sans ko dekhna hai apne mind mei to kuch din bad ya kuch mahine bad tumhe apne ap hi sabhi bate clear hone lagega ki meditation kyun aur kaise karna chahiye.

      to humesha ye bad dhyan rakho ki tumhe sirf apne sans ke upar hi dhyan dena hai. thank you.

      agr tumhe meditation ke bare mei aur janna hai to mujhe contact page mei jakar mail karo.

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    • jab tumhe sir mei dard hone lagta hai to tum apne dimag mei jo bhi soch rahe ho use sochna band kar do aur apne bolo ki is duniya mei jo kuch ho hai mere sath, mujhe koi fark nhi padta hai aur main ekdam shant hun aur jab ese bolne ke bad tumhare mind ekdam shant hone lagega to tum apne sans ke upar dhyan kendrit karo aur iske bad bhi tumhe apne mind mei koi bhi thoughts aa sakta hai, lekin uske piche mat bhago aur fir se apne sans ke upar hi dhyan dene ki kosich karo aur dhire dhire tumhe har ek problem hona band ho jayega.

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    • meine jo video recommend kari hai vo bar bar dekho kyunki meine us video se hi sikha hai aur sikh kar main kar raha hun aur mere sath vo sab situation aa raha hai jo us video mei dikhaya ja raha hai.

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  2. भाइ तूमसे एक बात पूचनी थी … क्या सचमे ध्यान गहरा होने पर एक बिंदू दिखाइ देता है और उसपर फोकस करने से ही ध्यान होता है, क्या ये सच है क्या? या ये सिफ् किताबि बाते हे ? मैने भी कूच दिन ध्यान किया मगर मूझे तो कोइ बिंदु नही दिखाइ दिया. और कभी कभी तो सर मे बिच मे दर्द और खिचाव भी महसूस होता था तो मैने ध्यान करणा छोड दिया… ऐसा सिर मे दर्द कभी तूमे हूवा है ? ऒर एसे स्थिती मे क्या करना चाहिये ?

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  3. Me kafhi confusion me tha youtube me kahi video dekhi or aapka article padha tab jaake jaake samajh aaya ki meditation ka yehi sahi tarika hai
    Aap ka bahut bahut dhanyavad

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  4. Ap Kah rhe hai ki Nirmal state me saans hi nhi rhegi to Insaan jinda kaise rhega vo to dead ho jayega na plz explain kare 🙏

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    • iska mtlb hai saans ka anubhab apko nhi hoga… vo ek alg hi state hota hai jo meditation karne par hi samajh mei aata hai. simple sa explained ye hai ki ap jb gehre dhyan mei nirmal sthiti tak pahunch jate hai tab apko saans ke bare mei bhul jate hain, lekin humare avchetan maan ke through hume bina anubhab ke hume saans lete hi rehte hain. bolta kuch aur hoon aur ap log meditation karne ke wajaye saans ke bare mei puch rahe hain……

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    • देखिये राज योग में हम मैडिटेशन का सम्पूर्ण नियम को पालन करके करते हैं। मतलब यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि, इन सारे तरीकों से होकर हम गुजरते हैं और तब हमे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड से जुड़ जाते हैं। तो राज योग मैडिटेशन ही है। और इसमें हमे डायरेक्ट हमारे ब्रेन के मध्य में एक पॉइंट (hypothalamus ह्य्पोथैलमस और पिट्यूटरी ग्लैंड के बीच) पर ध्यान लगाना होता है। और हमारे सुप्रीम GOD से कनेक्ट करते हैं।

      लेकिन साधारण मनुष्य इन सारे नियमों को फॉलो नहीं कर पाता है तो हम इनमें से सिर्फ ध्यान यानी मैडिटेशन को सीधा सीधा करते हैं कही भी कभी भी। जब की राजयोग में बहुत सारे नियमों से होकर हमे गुजरना पड़ता है। लेकिन राजयोग बहुत ही इजी प्रोसेस है। इसमें सिर्फ अभ्यास करने की जरुरत है।

      तो आप confusion मत होइए की राजयोग और मैडिटेशन अलग अलग चीज है। वो एक ही चीज है। वैसे राजयोग के बारे में बहुत कुछ है जो मैं यहाँ पर आपको डिटेल में समझा नहीं पाउँगा। इसके रिलेटेड मैं एक आर्टिकल जरूर लिखूंगा। धन्यवाद।

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