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Motivational Speech in Hindi – Hello दोस्तों, आज मैं आपको Sandeep Maheshwari जी की Motivational Speech से अपने failure को दूर भगाने के लिए कुछ 4 टिप्स बताऊंगा, कैसे आप अपने failure को अच्छे समझ पाए और कैसे उन failure को overcome कर पाए वही बातेंआपको आज मैं बताऊंगा।
क्या कभी आप अच्छे से समझ पाए है की आप fail क्यों हुए ? चाहे आप किसी भी field में fail हुए हो वो कोई फर्क नहीं परता हमे, लेकिन हम ये कभी नहीं सोचते है की हम किस लिए fail हो गए, अगर आप इस छोटा सा काम कर देते है मतलब fail होने का जो कारण है उसको एकदम deeply समझ गए तो काम हो गया, आज हम इसी thought को समझेंगे।
Sandeep Maheshwari Motivational Speech in Hindi – विफलता को दूर भगाने के लिए 4 tips
क्या कोई ऐसा है जो कभी भी fail ही न हुआ हो अपनी लाइफ में ?
क्या हम failures को ढंग से deal करते है अपने अंदर की दुनिआ में और बाहर की दुनिआ में? जब हम fail होते है और हमारे आस-पास लोग हमको बार बार remind करा रहे होते है, हमको पता होता है की हम fail हुए है, हमको जरुरत नहीं है की वो आकर हमको बार बार ये बताये की तुम्हारे decision गलत था, तुमने गलती करी, हमे पता है की हमने गलती करी है।
क्या होता है जब कोई fail होता है तो कोई बड़ा failure है छोटा failure है कुछ भी है ?
अच्छा नहीं लगता है, कभी भी ऐसे expectation अपने mind में मत बनाओ की failure तो हो लेकिन मुझे बुरा न लगे, जैसेही बुरा लगता है हम क्या करते है – react करते है, अकेले होते है तो रोने लग जाते है, रोने में कोई problem नहीं है।
बुरा लगा, बुरा लगने में भी कोई problem नहीं है, बुरा लगने की वजह से रोना आया, रोने में कोई भी problem नहीं है, क्यूंकि अगर आप नहीं रोयें उन emotions को अपने अंदर दबाये रखा तो हो सकता है पागल खाने जाओगे, तो रोलों, रोने में कोई बुराई नहीं है।
बच्चो को अगर चोट लगती है तो रो परता है, कुछ बुरा लगता है तो रो परता है, फिर हसने लग जाते है, तो रोने में कैसा डर।
तो बुरा लगना is not a problem, रोना is not a problem, हमको पहले problem को ढूंढ़ना है की problem क्या है ?
कही आप हो सकता है इन दोनों चीज़ो को problem समझ रहे हो की बुरा नहीं लगना चाहिए मुझे ये failure आयी न मुझे बड़ा अच्छा लगना चाहिए।
मैंने 4 साल तैयारी करी किसी चीज़ों को करने के लिए और में fail हो गयी, मुझे बुरा क्यों लग रहा है, मुझे रोना क्यों आ रहा है, अरे आ रहा है रो ना 2 दिन तक 4 दिन तक रो लो, मतलब खूब रो, आंसू कितने है आपके अंदर मतलब कभी तो खाली होगी ना।
रोलो अच्छे से रोलो, हम रो रहे है अकेले में, क्यूंकि सबके सामने तो रोयेंगे नहीं, क्यूंकि हमारे आस-पास लोग कहेंगे ये कितना बेवकूफ है रो परा है, इतना बड़ा होके भी रो रहा है, इतनी बरी हो करके रो रही है, लड़को के लिए तो और ज्यादा बड़ी problem है, लोग कहेंगे कि – लड़का हो के रो रहा है।
तो कितना pressure होता है की अकेले तो हमारी वाट लगी हुई है, दुनिआ के सामने हम ऐसा दिखा रहे है कि नहीं हमे कोई फर्क नहीं पर रहा है।
क्या हम failure को accept करते है? क्या हम face करते है failure को?
नहीं करते। क्या करते है excuse देने लग जाते है, अनलिमिटेड excuses, कि नहीं नहीं ये exam तो बहुत मुश्किल था मैं क्या करू, इस साल ही exam tough है, या फिर अगर कहते है की नहीं इस साल ना exam बहुत ज्यादा easy आ गया, हर साल tough आते है, तो मैंने tough के exam की हिसाब से तैयारी करी थी।
तो percentage इतनी ज्यादा हो गयी, क्यूंकि इतना आसान था की percentage इतनी high हो गई मेरे ना इस वजह से admission नहीं हो पाया।
तो दोनों तरफ से आप excuse दे रहे हो – exam आसान है तब भी और मुश्किल है तब भी।
आपकी दोनों तरफ से excuse ready है, accept ही नहीं करते है, भागते है failure से, blame करते है, किसको blame करते है – किसी को भी blame करने लग जाते है, blame करने के लिए पूरी दुनिआ परी रहती है।
Failure से क्या होता है ?
या तो हम अपने failure से भागे उसके बारे में बात ही ना करें, जब group में होते है कोई बात कर रहा होता है तब हम क्या करते है topic को change करने को बोलते है, या अगर कोई भी जरा से भी उस topic को छेरता है तो अच्छा नहीं लगता है अंदर से, हम उठ करके वहा से भागते है।
कोई मज़ाक उड़ा रहा होता है तो ईगो हर्ट होता है, तो हम क्या कर रहे है face नहीं कर रहे है हमारे ही failure को, ना उस failure को आपके parents accept कर रहे है – ‘ मैंने तुझे कहा था की मत कर, मत कर, समझाया था, फिर भी तुमने करि, तेरे अंदर दिमाग ही नहीं है, मेरी सुने ही नहीं तूने ‘,
या फिर दोस्त होते है तो वो भी मजाक उड़ा रहे होते है – अरे देखो इंजीनियर आ गया, या इंडिया की बहुत बड़े डॉक्टर आ गया ऐसा कुछ मजाक।
यही सब बाते होती है मतलब अच्छे तरीकेसे मजाक उड़ा और हम क्या कर रहे होते है ?
हम या तो दोस्तों से दूर भागने लग जाते है, face नहीं कर रहे है, या फिर extreme में दोस्तों के साथ लड़ाई हो जाती है, इन सबसे क्या होगा, अंदर frustration और ज्यादा बढ़ जाएगी, frustration का direct लिंक किस से है – एक restless mind.
इसमें कभी भी mind peaceful नहीं होगा और restless हो जायेगा, उस restless mind से क्या आप अच्छे से अपनी life को direction दे पाओगे या फिर peaceful mind से – peaceful mind से ही ना।
Peaceful mind का connection किससे है ?
‘Face it completely with 100% of your heart and mind’, मतलब उस failure की जड़ तक आप चले गए, failure को बारीकी से आपने समझ लिया।
जैसे एक scientist समझता है, ये नहीं की मैं fail हुआ हु। देखता हूँ failure क्या है, देखता हूँ ये बंदा क्यों fail हुआ है।
अपने आपसे detach हो करके देखो उस failure को, तब आप समझ पाओगे,
”मैं” को बीच में घुसा दिया तो नहीं समझ पाओगे, excuses दोगे, blame करोगे, भागोगे, सब करोगे अपने आपको काट दो उस failure से। देखता हूँ ये क्यों fail हुआ है इसमें, क्या गलती करि इसने।
4 Steps to Overcome Failure in your life
Step No 1 – Failure को Face करना;
सबसे पहले फेलियर का सामना करें। चाहे कुछ भी हो जाये, जब तक आप फेलियर का सामना नहीं करेंगे तब तक कुछ नहीं होगा, मन-मस्तिष्क में ये बोलो कि चाहे कुछ भी हो जाये, चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाये मुझे अपने Failure का सामना करना है तो करना है।
Step No 2 – ‘Accept it’
अब हमारे सामने चाहे एक बंदा है, चाहे हज़ार है, चाहे लाख बंदे है, जो आ करके अगर हमारी तरफ ऊँगली करते हे, कहता है की हा भाई तू fail हो गया, तो आप बिना डरे उसको accept कर लिया और बोला की हा मैं fail हो गया, हा मैं fail हो गयी इस काम में, life में नहीं हुआ ना fail, I accept it.
Step No 3 – ‘Learn from it’
Most important मतलब अगर आप fail हुए और उससे आप ढंग से सीख जाओ तो आप grow कर गए, तो उस काम को करने का जो purpose था वो पूरा हो चूका है क्यूंकि purpose ही आप गलत बनाते हो life पर। क्यूंकि कभी कोई बैठ करके समझता नहीं है लाइफ को, न कोई समझाता है की लाइफ का purpose क्या है।
लाइफ का purpose ये नहीं है की हमको कुछ पाना है, क्यूंकि कुछ पा भी लिया आपने, जैसे अपनी लाइफ से relate करना इस चीज़ को, लाइफ का अगर आप goal ही बनाओ की मुझे ये पाना है तो वो जैसेही आप पा लेते हो तो कुछ दिन तक तो अच्छा लगता है, उसके बाद में used to हो जाते है।
फिर तो कहने का मतलब है अगर आपने लाइफ का goal ये बनाया की कुछ पाना है, तो जो भी आपने पाया, पता नहीं कितने साल struggle करके उसके बाद में जो मिला उसका मजा कुछ देर के लिए रहने वाला है, कुछ दिन के लिए रहने वाला है।
तो क्या ये समझदार तरीका है ज़िंदगी को जीने का, तो अगर लाइफ का goal आपने पाने-खोने से हटा करके बना दिया की मैं अंदर से क्या बन रहा हूँ वो important है, की मैंने ये पाया, ये जो पाया वो तो गया, जो खोया वो भी गया, लेकिन इसकी वजह से मैं अंदर से क्या हो गया that should be the goal.
बाहर आप fail हो रहे हो that is not important, successful हो रहे हो that is not important, उसकी वजह से आप अंदर से क्या बन रहे हो that is important.
मतलब अंदर से कैसा बनना है लाइफ में की चाहे कुछ भी हो जाये मेरे अंदर से डर पूरी तरह से निकल गया है, सब कुछ जीरो भी हो जाये तो में सुटकी में सब कुछ दुबारा से खड़ा कर दूंगा। ऐसा बनने में मजा है या बच किसी तरह से जुगाड़ करके ये करके वो करके कही पे घुस गए, कही पे job में और बच डर में जी रहे हो की मुझे निकल दिया तो पता नहीं मेरा क्या होगा – ऐसी ही है हमारी लाइफ।
चाहे वहा से पचास हजार आ रहा है, चाहे एक लाख आ रहा है, उसी हिसाब से खर्च बांध लिया है, अंदर से सबकी वाट लगी हुई है, मतलब अंदर से सबकी हालत टाइट है, अंदर से डरे हुए है की मुझे इस job से निकाल दिया तो क्या होगा।
अगर आप उन steps को अच्छे से समझ करके आप जी पाए तो आपको समझ आये कि मैं पहले से grow कर गया हूँ, जब मेरी लाइफ में failure नहीं आया था तो में version 1.0 थी अब मैं version 3.0 हो गया हूँ और ऐसे ही अगर आगे बढ़ता रहु तो infinity हो जाऊंगा, अभी मेरे पास बहुत समय है।
Otherwise अगर सिर्फ 3.0 में ही रहता तो 3.0 version को ही जलाया जाता, लेकिन अब क्या होगा जैसे जैसे version मेरा बढ़ रहा है की अभी तो बहुत time है जलने में, तो तब तक version होगा infinity.
किसको जलाया जा रहा है infinity को, इसका version क्या है infinity – ये लाइफ जीने में मजा है, या फिर version 1.0 – वो कब बना जब इस college से उसको मतलब आपको degree मिली, मरा कब 1.0 में ही।
मतलब वो actual में पहले ही मरा था, जब वो version 1.0 से मानलो 2.0 बन गया था, तो 2.0 पे ही वो मर गया था, उसके बाद में कुछ हुआ ही नहीं, कुछ भी interesting नहीं हुआ उसके लाइफ में।
Step No 4 – Grow out of it
जब सीख लिया तो grow out of it, इस attitude से जो भी आपने किया, अगर ये बहुत ही confine नजरिये से उसको देखा तो क्या हुआ की मुझे ये करना था, क्यों – क्यूंकि मुझे ये चाहिए था, वो मुझे नहीं मिला और मैं fail हो गयी, इसी को failure बोलते हो आप।
लेकिन मैं किसकी बात कर रहा हूँ – मुझे ये करना था, जो चाहिए था ठीक है वो तो चाहिए था but वो मिले, न मिले that was not my purpose, that was goal की मुझे ये काम करना है ताकि मुझे ये achieve करना है – इसमें कोई बुराई नहीं है।
But purpose क्या है है की चाहे ये achieve हो, चाहे ना हो, अभी भी अपने तरफ से 100% दे रहा हूँ।
लेकिन मेरा purpose ये नहीं है। Achieve हो गए तब भी मुझे आगे बढ़ते रहना है, नहीं हुआ तब भी आगे बढ़ते रहना है, in both the situation i need to grow out of it.
तो ये मैं बोलतो failures के लिए रहा हूँ ये step, लेकिन ये है success के लिए भी, लेकिन success आप समझेंगे नहीं तो मैं इसकी बात नहीं कर रहा हूँ।
जबतक success नहीं मिली होती तो तरप रहे होते है, success मिल जाते है तो comfort zone में चले जाते है, लेकिन मेरे लिए success failure एक जैसे ही है, दोनों कचरा है।
Conclusion
तो आज हमने सीखा कि फेलियर को कैसे overcome किया जा सके।
4 Steps में मैंने बताया कि सबसे पहले फेलियर का सामना करें, उसके बाद उस फेलियर को एक्सेप्ट करें और उसके बाद उस फेलियर से आपको सीखना है कि आप fail क्यूँ हुए और लास्ट में आपको उस फेलियर से सीख लेकर आगे बढ़ना है।
तो आपको आज का यह Motivational Speech in Hindi – Failure को दूर भगाने के लिए संदीप महेश्वरी जी के 4 Steps कैसा लगा?
अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.
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