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कैसे हम लोग कोई action लें तो उसमें कोई fear न रहे, मतलब बिना डर के हम कैसे act कर सकते है –
Sandeep Maheshwari Speech in Hindi – Be Fearless निडर रहो
No 1 – What is Fear ? डर है क्या ?
तो पहले ध्यान से समझो डर किस चीज का होता है ? सबसे ज्यादा डर हमें इस चीज का होता है की लोग क्या कहेंगे ! आप जो भी करो वही डर हमेशा लगता है आपको।
No 2 – Develop Attitude

No 3 – Absolute Freedom
आप सिर्फ ये करो की काम को करो, किसी को कुछ भी बोलना है तो आप डरो मत बोल दो, इसका मतलब ये है की आपका डर पूरी तरह से खत्म हो गए,
No 4 – तो अब किन consequences को हम छोड़े, दो तरह की consequence है –
- एक है – Physical,
- दूसरा है – Psychological.
No 5 – Planning For Physical Fear
आप psychological consequences को छोड़ दो, physical के लिए plan कर लो, मतलब की कोई काम आप करने वाले हो आपको डर लग रहा है, पहले आपको देखना है किस वजह से डर लग रहा है, that fear is psychological or that is physical.
No 6 – Example of Physical Fear

No 7 – Example of Psychological Fear
No 8 – Example of Physical Fear
और ये पैसा बड़ी मेहनत करके सुबह से रात तक पैसा जोड़ा है, तो मुझे डर लग रहा है की मैं ये काम करू और वो पैसा चला न जाये, ये physical है, ये डर होना भी चाहिए,
जिनमें ये डर नहीं होता वो सड़क पे आ जाते हैं, बर्बाद होने में 2 मिनट लगते है।
No 9 – How To Overcome Physical Fear ?
physical में क्या काम आता है – planning, learning, knowledge, understanding of that thing you are doing,
जैसे अगर पहाड़ से आपको छलांग लगानी ही लगानी है तो bungee jumping करो ना,
और जब आप act करोगे आप देखोगे की अरे इसमें तो डरने वाली कोई बात ही नहीं है,
और सीखने के बाद अगर आपको डर लग रहा है तो वो psychological नहीं है, वो physical है।
No 10 – Example Of Physical Fear
यानि आपको swimming आगया है, जबतक swimming नहीं आता है तबतक पानी से बड़ा डर लगता है,

जब swimming आ जाता है तो क्या swimming pool से आपको swimming करने से डर लगता है – नहीं ना,
but अगर समुद्र में swimming कर रहे हो वहा तो डर लगता है और वो डर लगना भी चाहिए,
तो सीखने के बाद भी आपको डर लग रहा है that is a strong possibility that is a physical fear not a psychological fear, और होना भी चाहिए।
No – 11 Conclusion
इन दोनों का बीच का फर्क अगर हमको समझ आता चला जाता है तो हमको बिलकुल clear हो जाता है किस तरह से अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है,
psychological fears धीरे धीरे जैसे जैसे हमारी समझ गहरी हो जाती है तो fears जीरो हो जाते है,
मर गया तो क्या होगा ? – ये क्या है ? मेरे साथ में जो लोग है वो मर गया तो क्या होगा – ये physical fear है या psychological है ? – of course psychological है।
लेकिन अगर आप अँधेरी रात में चले जा रहे हो किसी सुनसान सड़क पर आपके सामने से दो बंदे आ रहे gun या knife ले करके, अब आपको डर लग रहा है – ये physical fear है, ये fear होना भी चाहिए,
जेम्स बांड नहीं बनना है जी, समझदारी से आगे बढ़ना है लाइफ में।
अगर इस तरह से आप अलग अलग करके देखोगे तो ऐसा कोई डर नहीं है इस दुनिया में जिसको conquered न किया जा सके।”