इंसानियत
एक बार की बात है, मंदिर की छत पे कुछ पे कुछ कबूतर रहा करते थे। अब टाइम आता है जन्माष्टमी का, पुरे मंदिर को सजाना मतलब decoration करना होता है। तो जो कबूतर होता है जो वहां पे रह रहे होते है, उन्हें वहां से जाना पड़ जाता है। …
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